Wednesday, October 19, 2011

दलित जवान तू सोना मत

दलित जवान तू सोना मत
दलित जवान तू सोना मत

मानसिकता बदल गई इन छुवा- छूत के मरीजों की

सोच दलित जवान तू सोना मत

इन सन्नाटो के बीच फिरसे लहर उठेगीआयेगा

फ़िर से इन मानसिकता का तूफान

सोच दलित जवान तू सोना मत

मिला आरक्षण अब निकाला जा रहा है

आम्बेडकर का भी संविधान बदला जा रहा है
देख इस वास्तविक परिस्थिति को कि
आरक्षण का बना संविधान
तुम्हारे सामने खड़ा किया जा रहा है
तुम्हे इंसान नहीं पर शिड्यूल कास्ट कहकर ठुकराया जा रहा है

विकास के नाम पर यह सब हो रहा है

जाग - भाग पकड़ रे तू रफतार

सोच दलित जवान तू सोना मत''

दीपक ''ने कसम खायी है बनकर दींन -कर

लिखता रहेगा हरदम अपनो के लिए
जागता रहेगा हरदीन मुफलिसि मे

सोच दलित जवान तू सोना मत

No comments: